हमारे देश की सर्वोच्च अदालत भले ही ये कहती हो कि बलात्कार और यौन हिंसा जैसे
संगीन मामले के आरोपी को तुरन्त गिरफ्तार किया जाना चाहिये लेकिन आसाराम की
गिरफ्तारी में की जा रही सरकारी लापरवाही ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि हमारे
देश का कानून वाकई दो तरह से काम करता है। इसका आचरण आम आदमी के लिये अलग है और
खास आदमी के लिये अलग.... अगर ऐसा ना होता तो बलात्कार और यौन हमले का आरोपी बाबा
सलाखों के पीछे होता। यहां तो कानून के रखवालों ने ही उस बाबा को छिप जाने का मौका
दे दिया।
Saturday, August 31, 2013
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