Friday, September 12, 2014

सपा-भाजपा ने उपचुनाव में झोंक दी पूरी ताकत

लखनऊ ( परवेज़ सागर )। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों के बाद एक बार फिर SP और BJP उपचुनाव में आमने-सामने है। समाजवादी पार्टी ने एक लोकसभा और 11 विधान सभा सीटों पर जीत हासिल करने के लिये पूरी ताकत लगा दी है। उधर, BJP भी इस चुनाव में अधिक से अधिक सीटों को बचाने के लिये कमर कस ली है। गौरतलब है कि यूपी की जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहा है वो सभी BJP के पास थी। इस चुनाव के लिये गुरुवार की शाम चुनाव प्रचार थम जाएगा।
सूबे में एक बार फिर से चुनावी बिसात बिछ गयी है। यहां 13 सितम्बर को मैनपुरी लोकसभा और 11 विधान सभा सीटों पर मत डाले जायेंगे। इस उपचुनाव के लिये SP और BJP के अलावा कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। मैनपुरी और आज़मगढ़ लोक सभा सीटों से SP मुखिया मुलायम सिंह यादव ने जीत हासिल की थी। बाद में आज़मगढ़ से ही सांसद बने रहने का फैसला किया था तभी से ये सीट खाली थी। इस सीट से उन्हीं के परिवार के तेज प्रताप यादव किस्मत आज़मा रहे हैं। BJP के 11 विधायकों के सांसद बन जाने से खाली हुई सीटों पर SP और BJP के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा है। हालाकि SP अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नज़र आ रही है।
उपचुनाव में जिन सीटों पर चुनाव होना है उनमें कैराना, सिराथू, चरखारी, सहारनपुर नगर,  ठाकुरद्वारा,  बलहा,  नोएडा,  लखनऊ पूर्वी, बिजनौर,  निघासन और हमीरपुर विधान सभा सीट शामिल हैं। इन सभी सीटों पर 2012 के विधान सभा चुनाव में BJP के उम्मीदवारों ने जीत का परचम लहराया था। पार्टी उपचुनाव में भी इन सीटों को फिर से हासिल करना चाहती है। केन्द्र में सरकार आ जाने से BJP नेताओं के हौसले बुलंद हैं। इसलिये वो उपचुनाव में भी जीत का दावा कर रहे हैं।
इस उपचुनाव में BSP ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है लेकिन कांग्रेस सभी विधान सभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस के UP प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री और PCC अध्यक्ष निर्मल खत्री खुद चुनाव की कमान संभाल रहे हैं। कांग्रेस भी करीब तीन विधान सभा सीटों पर अपनी जीत का दावा कर रही है।
कांग्रेस नेता जो भी दावा करें लेकिन इस उपचुनाव में उनकी पार्टी का वजूद कहीं नज़र नहीं आ रहा है। लेकिन BJP एक बार फिर से उपचुनाव में विकास और कानून व्यवस्था को मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ने की बात कर रही है। उधर, समाजवादी पार्टी अपनी सरकार की उपलब्धियों और जनहित योजनाओं को जनता के बीच रखकर वोट मांग रही है। SP, BJP को साम्प्रदायिक दल बताकर जनता से आपसी भाईचारे को मजबूत करने की अपील भी कर कर रही है।