Thursday, May 29, 2008

कारवां जारी रहे.....

बहुत दिनों से कुछ लिख नही पाया लेकिन लगातार पढता ज़रुर रहा। कुछ साथियों ने फोन पर कहा कि आजकल रंगकर्मी पर रंगकर्मी ही नही दिख रहे हैं। खैर ये साथियों का प्यार है जो हमेशा प्रेरणा बनता है। दरअसल लम्बे समय बाद घर वालों के लिये कुछ वक्त निकालने की कोशिश कर रहा था। इस बीच देखकर प्रसन्नता हुई कि आशा जी, कीर्ति, प्रमोद जी और स्मृति समेत कई साथी लगातार लिखते रहे जिसके लिये मैं उनका आभार व्यक्त करना चाहता हूँ साथ ही इतने दिनों तक ना लिख पाने के लिये क्षमा भी चाहता हूँ। और आभार उन लोगों का भी जिन्होने फोन पर हमारे हाल-चाल लिये। खैर आप लोगों की मेहनत का ही नतीजा है कि रंगकर्मी की सदस्यता के लिये लगातार ढेरों मेल आ रही है। लोग रंगकर्मी के पसन्द कर रहे है। उम्मीद है ये कारवां यूँ ही आगे बढता रहेगा।
शुभकामनाओं सहित.......

परवेज़ सागर