Friday, October 1, 2010

शुक्रिया सहारनपुर...

सहारनपुर, उत्तर प्रदेश का एक ऐसा ज़िला है जो वुड़ कार्विंग के लिये पूरी दुनिया मे जाना जाता है साथ ही मज़बूत साम्प्रदायिक सौर्हाद और कल्चर के लिये भी ये शहर देशभर मे अपनी अलग पहचान रखता है। इस शहर के पानी मे ही संस्कृति, एकता और तहज़ीब का असर बसा हुआ है। देश मे ऐसे कई लोग हैं जो अपने-अपने क्षेत्रों मे महारत हासिल कर सहारनपुर का नाम रोशन कर रहे हैं। शहर के लोग भी उन्हे इज़्जत देने में पीछे नही हैं। अपने बीच से बाहर जाकर नाम कमाने वाले यहां किसी सैलीब्रिटी से कम नही हैं। शहर मे कई ऐसी संस्थाऐं है जो अपने शहर का नाम रोशन करने वाले लोगों को समय-समय पर सम्मानित करती रही हैं। बात रंगमंच की हो या साहित्य की या फिर पत्रकारिता की, हर क्षेत्र मे काम रहे शहरवासियों को सहारनपुर के अदब पसन्द लोगों ने हमेशा इज़्ज़त बख्शी। साहित्य, उर्दू अदब और सांस्कृतिक क्षेत्र की प्रख्यात संस्था एच.मकबूल मेमोरीयल सोसाइटी और अंजुमन ज़िन्दा दिलाने सहारनपुर ने सामुहिक रुप से बुधवार की शाम स्वामी रामतीर्थ केन्द्र मे एक सम्मान समारोह का आयोजन किया। इस कार्यक्रम के दौरान एक बार फिर मेरे शहर ने मेरे काम की हौंसला अफज़ाई की और शहर के गणमान्य लोगों की मौजूदगी मे मुझे इस साल के मकबूल मेमोरीयल अवार्ड से सम्मानित किया। मेरे लिये इस अवार्ड़ की अहमीयत साल 2008 मे मुझे दिये गये नेशनल अवार्ड़ से भी ज़्यादा है क्योंकि इस अवार्ड़ मे मेरे शहर की खुश्बु और मेरे शहर का प्यार बसा हुआ है। मैं उन चन्द लोगों मे शामिल हूँ जिन्हे सहारनपुर ने इतना प्यार और इज़्ज़त दी। मैं शुक्रिया करना चाहता हूँ दोनो संस्थाओं का और खासकर मेरे अजीज़ बड़े भाई जनाब शब्बीर शाद और जनाब राव महबूब साहब का जिन्होने मेरा नाम इस अवार्ड़ के लिये चुना। एक बार फिर सहारनपुर की तहज़ीब, अदब और अपने परिवार का शुक्रिया करना चाहूँगा जिसने मुझे इस काबिल बनाया। मैं दुआ करता हूँ कि मुझे मेरे शहर का प्यार हमेशा यूँ ही मिलता रहेगा और सहारनपुर हमेशा मेरी हौंसला अफज़ाई करता रहेगा। आप सभी का शुक्रिया।