Tuesday, August 27, 2013

आगरा में पुलिस वाले लूटेरों से सावधान...!

सावधान.....!
अगर आप देर रात आगरा शहर में कहीं आ-जा रहे हैं और आप अकेले हैं तो आगरा पुलिस के बहादुर जवान आपको तलाशी के नाम पर लूट सकते हैं। अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर पहचान रखने वाला एतिहासिक शहर आगरा.. अब कुछ पुलिस वालों की करतूतों से बदनाम हो रहा है। शहर में चीता मोबाइल का गठन इसलिये किया गया था कि पुलिस किसी भी घटना स्थल या शिकायत पर तुरंत पहुंच जाये। इस चीता मोबाइल में बाइक पर दो हथियारबंद पुलिस वाले सवार रहते हैं। जिन्हे वायरलैस रेडियो भी दिया जाता है। लेकिन आज कल चीता मोबाइल वाले जनता की रक्षा नही बल्कि उनसे लूट करने पर आमदा हैं। इस तरह की शिकायतें आये दिन आ रही हैं।
हाल ही में शमशाबाद रोड़ की एक नई कॉलोनी में रहने वाले ब्रजेश गर्ग अपने किसी काम से ग्वालियर गये थे। रविवार की देर रात वो ट्रेन से आगरा कैन्ट पहुंचे। वहां स्टैण्ड पर खड़ी अपनी बाइक लेकर वो शमशाबाद रोड़ जाने के निकल गये। रात के लगभग दो बजे जब वो माल रोड़ से गुज़र रहे थे, तभी एएसआई ऑफिस के सामने चीता मोबाइल सवार दो पुलिस वालों ने उन्हे रोक लिया और उन पर रोब झाड़ते हुये बाइक के कागज़ और उनका ड्राइविंग लाइसेंस चैक किया। उसके बाद दोनों पुलिस वालों ने तलाशी के नाम पर उनकी जेब में रखे 2100 रुपये और उनका मोबाइल निकाल लिया। मोबाइल को देखने के बाद वो तो वापस कर दिया लेकिन रुपये उन्होने अपने वापस रख लिये। जब ब्रजेश गर्ग ने रुपये वापस मांगे। तो उन्होने गर्ग साहब को चोरी के मामले में फंसाने के नाम पर डराना शुरु कर दिया। 42 साल के ब्रजेश गर्ग इतना घबरा गये कि पुलिस वालों की धमकी सुनकर चुपचाप वहां से निकल गये। आज ब्रजेश गर्ग एक कार्यक्रम में मुझे मिले और उन्होने मुझे पूरी आपबीती सुनाई। मैने कहा कि आपने सुबह एसएसपी या एसपी सिटी से शिकायत क्यों नही कि तो उनका जवाब था कि चीता मोबाइल सवार पुलिस वाले उन्हे किसी भी झूठे मामले में फंसा देंगे क्योंकि उन्होने मेरा नाम-पता भी ले लिया था।

ब्रजेश गर्ग अकेले पीड़ित नही हैं इससे पहले भगवान टॉकीज़ के पास एक एलपीजी एजेंसी पर काम करने वाला बॉबी भी चीता मोबाइल वालों की लूट का शिकार हुआ था। यहां तक कि शहर में कई जगहों पर अवैध धंधे भी इन्ही चीता मोबाइल वालों के संरक्षण में चल रहे हैं। इन्हे कई सफेद पोशों और स्थानीय पत्रकारों का संरक्षण भी मिला होता है। यही वजह है कि इनके खिलाफ कार्यवाही करने में अधिकारी ढीले पड़ जाते हैं। लेकिन अगर इन पुलिस वालों की लूटमार यूँ जारी रही तो शहर की आम जनता का विश्वास पुलिस से उठ जायेगा। यूपी सरकार और पुलिस महकमें की छवि खराब करने वाले ये लोग वर्दी वाले गुण्डे बनकर ही लूट करते रहेंगे।

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