Thursday, April 25, 2013

कबाड़ से निकल रहा है मौत का सामान


आगरा के गौबरचौकी इलाके में एक कबाड़ के गोदाम में हुये भीषण धमाके ने पूरे शहर को दहला दिया। इस हादसे में दो लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। ये इलाका ताजमहल से करीब दो किमी. दूर है। यहां एक कबाड़ी रामनिवास अपने गोदाम में रॉकेटनुमा धातु को तोड़ने की कोशिश कर रहा था तभी अचानक ये हादसा हो गया। ठीक उसी वक्त उस गोदाम के बाहर से निकल रहा छोटू भी इस धमाके का शिकार हो गया और उसकी भी मौके पर ही मौत हो गयी। एक व्यक्ति गंभीर अस्पताल में ज़िंदगी और मौत के बीच झूल रहा है। पुलिस का कहना है कि कबाड़ में सेना के चांदमारी क्षेत्र से आया कोई ऐसा हथियार या रॉकेट था जो अभ्यास के दौरान नही चला। कबाड़ी उसे धातु समझकर तोड़ने की कोशिश कर रहा था जिसकी वजह से उसे और एक बेकसूर को अपनी जान गवानी पड़ी।
इस तरह की घटनाऐं उन शहरों में अक्सर देखने को मिलती हैं जहां बड़े छावनी क्षेत्र और सेना के अभ्यास क्षेत्र हैं। सेना के चांदमारी इलाकों के आस-पास रहने वाले ग़रीब लोग अक्सर पैसे के लालच में सेना अभ्यास में इस्तेमाल हुये गोला-बारुद से निकली धातु को ले जाकर कबाड़ियों को बेच देते हैं। इसी धातु के चक्कर में कई बार ये लोग ज़िंदा बम और रॉकेट भी उठा ले आते हैं। जिसकी वजह से इस तरह के हादसे होते हैं। देश की राजधानी समेत कई बड़े शहरों में ज़िंदा बम और रॉकेट कई लोगों की मौत का सबब साबित हुये हैं।
इस तरह के जानलेवा हादसों के पीछे मुझे सेना की लापरवाही नज़र आती है। नियम के मुताबिक सेना के अभ्यास क्षेत्रों या चांदमारी इलाकों में बाहरी लोगों को प्रवेश वर्जित होता है। इसके लिये सेना की निगरानी चौकियां भी बनी होती हैं। लेकिन उसके बावजूद कैसे लोग सेना क्षेत्र में घुसकर मौत का सामान ले आते हैं ?  ये एक बड़ा सवाल है। अगर सेना अपने अभ्यास क्षेत्रों में चौकसी बरते और अभ्यास क्षेत्र में बिखरे पड़े इस तरह के सामान की जांच कर ले। या उनके निस्तारण के वक्त सावधानी बरते तो इस तरह के हादसे रुक सकते हैं। वरना इसी तरह चंद रुपयों के लालच में लोग अपनी जान के साथ-साथ दूसरे लोगों की जाम भी खतरे में डालते रहेंगे।
-          परवेज़ सागर

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