Wednesday, February 8, 2012

कहां चली गयी इंसानियत ?

आगरा में मंगलवार को दक्षिण भारत को जाने वाले रेलवे ट्रेक पर ना जाने कब लाइने पार करते हुये अधेड़ उम्र का एक इंसान किसी ट्रेन की चपेट में आ गया। उसके दोनों पांव कट गये। वो वहां एक घंटे तक पड़ा हुआ तड़पता रहा और आस-पास के लोग खड़े तमाशा देखते रहे। किसी को उस लाचार पर रहम नही आया। थोड़ी देर बाद एक और ट्रेन तेज़ी से ट्रेक के बीच पड़े उस इन्सान के ऊपर से गुज़र गयी। उसके सर में भी चोट थी। वो तड़पता रहा लोग देखते रहे। एक कैमरामेन ने वहां खड़े होकर उसकी exclusive फुटेज तो बनाई लेकिन उसे वहां से हटाने और उसकी ज़िन्दगी बचाने के लिये कुछ नही किया। ना जाने कैसे बाद में किसी का दिल पसीजा और उस इंसान को उठा कर ट्रेक के बाहर लेटा दिया। कानून की रखवाली करने वाली पुलिस भी सवा घंटे बाद आयी। अस्पताल जाकर वो अधेड़ अज्ञात आदमी ज़िन्दगी की जंग हार गया। तभी से मेरा दिल मुझे कचोट रहा है पूछ रहा है कि आखिर हम इतने संवेदनहीन क्यों हो गये हैं? मैं पूछना चाहता हूँ उन तमाशा देखने वालों से आखिर कहां चली गयी उनकी इंसानियत? काश वो लोग इंसान होते तो शायद वो इंसान अभी ज़िन्दा होता।

1 comment:

Lokendra Singh said...

Sir aajkal kisi k paas kisi k liye time nahi hai...logo k liye sab kuch paisa ho gaya hai....insaniyat mar chuki hai...same incident happen last year on Diwali time....