जयसवाल साहब ये क्या कह दिया आपने?
Saturday, February 25, 2012
जयसवाल साहब ये क्या कह दिया आपने?
जयसवाल साहब ये क्या कह दिया आपने?
Tuesday, February 21, 2012
एक सवाल....
सूबे की मुख्यमंत्री मायावती ने आगरा में मीडिया को भी नही बख्शा और अपने नेताओं, कार्यकर्ताओं से कहा कि “मीडिया ने हाथी ढ़के जाने की ख़बर का प्रचार इसलिये ज़्यादा किया कि आपका मनोबल गिर जाये”। यही नही मायावती कह कर गयी हैं कि “अगर आपकी नासमझी और नादानी से सपा की सरकार आयी तो प्रदेश में गुण्डों, माफियाओं का राज होगा। कांग्रेस आयी तो क्या करेगी जब उन्होने पहले 40 सालों तक यहां कुछ नही किया। और अगर भाजपा आयी तो साम्प्रदायिकता बढेगी।“
मगर मेरा सवाल है बहन जी अगर दोबारा आयीं तो वो क्या करेंगी? आप बताईये।
Wednesday, February 8, 2012
कहां चली गयी इंसानियत ?
आगरा में मंगलवार को दक्षिण भारत को जाने वाले रेलवे ट्रेक पर ना जाने कब लाइने पार करते हुये अधेड़ उम्र का एक इंसान किसी ट्रेन की चपेट में आ गया। उसके दोनों पांव कट गये। वो वहां एक घंटे तक पड़ा हुआ तड़पता रहा और आस-पास के लोग खड़े तमाशा देखते रहे। किसी को उस लाचार पर रहम नही आया। थोड़ी देर बाद एक और ट्रेन तेज़ी से ट्रेक के बीच पड़े उस इन्सान के ऊपर से गुज़र गयी। उसके सर में भी चोट थी। वो तड़पता रहा लोग देखते रहे। एक कैमरामेन ने वहां खड़े होकर उसकी exclusive फुटेज तो बनाई लेकिन उसे वहां से हटाने और उसकी ज़िन्दगी बचाने के लिये कुछ नही किया। ना जाने कैसे बाद में किसी का दिल पसीजा और उस इंसान को उठा कर ट्रेक के बाहर लेटा दिया। कानून की रखवाली करने वाली पुलिस भी सवा घंटे बाद आयी। अस्पताल जाकर वो अधेड़ अज्ञात आदमी ज़िन्दगी की जंग हार गया। तभी से मेरा दिल मुझे कचोट रहा है पूछ रहा है कि आखिर हम इतने संवेदनहीन क्यों हो गये हैं? मैं पूछना चाहता हूँ उन तमाशा देखने वालों से आखिर कहां चली गयी उनकी इंसानियत? काश वो लोग इंसान होते तो शायद वो इंसान अभी ज़िन्दा होता।