Tuesday, June 15, 2010

यूपी पुलिस- हम नही सुधरेंगें, जय हिन्द

हमारे देश के पर्यटन स्थलों पर लाखों की संख्या मे पर्यटक आते हैं और देश में पर्यटन का सबसे बड़ा केन्द्र होता है आगरा, जहां दुनियाभर के लोग बेपनाह मोहब्बत की अनमोल निशानी ताजमहल का दीदार करते हैं। आगरा शहर को अगर देश में पर्यटन की राजधानी कहा जाये तो कुछ ग़लत नही होगा। क्योंकि हर साल सबसे ज़्यादा पर्यटक इसी शहर में आते हैं।
हमारे देश की रवायत है कि मेहमान भगवान के समान होता है। इसीलिये यहां कहा भी जाता है “अतिथि देवोः भवः”। लेकिन आये दिन पर्यटकों और खासकर विदेशी मेहमानों के साथ कोई ना कोई हादसा होने की ख़बरें आती रहती हैं। आगरा में पर्यटकों के साथ होने वाले हादसों की भी एक लम्बी फेहरिस्त है। इन सब हादसों के पीछे सबसे बड़ा सबब है पुलिस की लापरवाही या फिर कहीये कि पैसे के लालच मे की गयी लापरवाही। शहर मे आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा का जिम्मा शहर की पुलिस का है। लेकिन गाहे बगाहे पुलिस पर भी अंगुलिया उठती रहती हैं। इन दिनों आगरा में पर्यटकों को लेकर आने वाले वाहन पुलिस की अवैध कमाई का ज़रिया बने हुये हैं। इनमें सबसे बड़ी संख्या उन वाहनों की है जिनका रजिस्ट्रेशन दिल्ली या आस-पास के राज्यों का है। आगरा की ट्रेफिक पुलिस हो या सिविल पुलिस जिसे मौका मिलता है वो हाथ साफ कर लेता है। पर्यटकों की सुरक्षा का दम भरने वाली पुलिस के हालात ये हो गये हैं कि उन्हे बाहर से आने वाले वाहन केवल सोने का अण्ड़ा देने वाली मुर्गी नज़र आते हैं। फिर चाहे उसमें कोई भी सवार हो, पर्यटक या फिर आगरावासी। राष्ट्रीय राजमार्ग से शहर मे दाखिल होने वाले चौराहों और रास्तों पर सुबह से ही पुलिस वाले तैनात रहते हैं। वहां लगने वाले जाम से उन्हे कोई मतलब नही लेकिन अगर कोई बाहर का वाहन बिना ‘एन्ट्री’ दिये बिना निकल जाये तो मुश्किल है। वसूली का सबसे बड़ा ठिकाना है सिकन्दरा चौराहा और उसके बाद वॉटरवर्क्स चौराहा। इसके अलावा शहर के प्रतापपुरा चौराहा और फतेहाबाद रोड़ भी पुलिस की अवैध कमाई के बड़े केन्द्र साबित हो रहें हैं। हालात इस कदर खराब हो चुकें हैं कि पुलिस ने बाहर से आने वाले इन वाहनों के लिये पैसे तय कर दिये हैं। इण्ड़िका या फिर किसी भी छोटी गाड़ी के लिये पांच सौ रुपये तय हैं। अगर पैसा नही मिला तो गाड़ी शहर मे नही जा सकती। भले ही उसके काग़ज़ात पूरे हों। पैसे लेकर बाकायदा एक कार्ड़ पर एन्ट्री की जाती है। फिर चाहे वो वाहन आगरा में कहीं भी घूमता रहे। वसूली की इस सारी कवायद के पीछे पुलिस वालों की दलील ये है कि चौराहे पर तैनाती के लिये दरोगा को हर दिन के हज़ारों रुपये ऊपर देने पड़ते हैं। रही सिपाही की बात को उसे अच्छे ‘एन्ट्री’ प्वॉइन्ट पर तैनाती के लिये हर माह एक मोटी रकम देनी पड़ती है। अब जब ऊपर तक इतना जाता है तो कुछ कमाने के लिये भी तो होना चाहिये। बस इसी फीक्र मे बेचारे पुलिस वाले धूप हो या छांव, आंधी या तूफान हर हाल मे कमाई का साधन ढूड़ते रहते हैं। पुलिस और वाहन चालकों या स्वामियों के बीच कई बार बात गाली गलौच से बढ़कर हाथापाई तक पंहुच जाती है। लेकिन कुछ दिन दिखावे के लिये सबकुछ ठीक रहता है पर फिर वही वसूली कार्यक्रम शुरु हो जाता है।
सबसे अहम बात ये है कि सारी कहानी पुलिस के आलाधिकारियों को पता होती है। लेकिन वो इन मामलों पर चुप्पी साधे रहते हैं। वजह है कि इस कमाई का एक हिस्सा ऊपर वालों को भी तो जाता है इसलिये लाख शिकायत करने के बावजूद किसी पुलिस वाले के खिलाफ कोई कार्यवाही नही होती। आला अधिकारियों से जब इस बारे मे बात की जाती है तो वो अनजान बन जाते हैं। उन्हे तो पता ही नही होता कि किस चौराहे पर क्या हो रहा है। बस अपने कारिन्दो को देखने की बात दोहराते हैं। एक रोना सरकार का रोया जाता है कि सरकार के कामों से अधिकारियों को फुरसत कहां कि वो देख सकें कि किस चौराहे पर क्या हो रहा है।
इस पूरे मामले के दौरान सबसे बुरा असर पड़ता है गाड़ी मे बैठे पर्यटक पर जो ये सारा माजरा समझ नही पाता। कई बार पुलिसवाले पर्यटकों के सामने ही वाहन चालक से वसूली के लिये मार पिटाई शुरु कर देतें हैं। जिसे देखकर पर्यटक सहम जाते हैं और खासकर विदेशी पर्यटक तो हैरान रह जाते हैं कि यहां कि पुलिस किस तरह से किसी बेगुनाह को पैसे के लिये मारने पीटने पर आ जाती है। उनकी नज़रों मे पूरे भारत को लेकर सजाया गया ख्वाब और यहां की सभ्यता को लेकर सुनी कहानियां पल मे झूठी हो जाती हैं। बहरहाल केन्द्र और राज्य सरकार दुनियाभर के पर्यटकों की आमद का इन्तज़ार कर रही है। कॉमन वेल्थ गेम्स सर पर हैं। लाखों पर्यटकों के भारत आने की उम्मीद भी है। ऐसे में दिल्ली के बाद पर्यटकों की सबसे ज़्यादा आमद आगरा में होगी। लेकिन अवैध वसूली में नम्बर वन का खिताब पा चुकी आगरा पुलिस पर्यटकों की हिफाजत का ख्याल रखेगी या फिर अपनी जेब का, ये सवाल अब सामने खड़ा दिखाई दे रहा है ?

3 comments:

Unknown said...

Inka to wakai kuchh nahi ho sakta humare shahar me aaker log kafi pareshan hote hain... Jab Inke Ala Afsar Khuleaam rishwat lete hain to ye peechhe kaise rah sakte hain sir. Bahut Badhiya Lekh hai sir.

Anonymous said...

Sir u have bring out all the things of UP Police. this hapning all the time in Agra on every road.
Nice.

Unknown said...

very nice