Tuesday, April 7, 2015

कई साल बाद फतेहपुर सीकरी की यात्रा

कई साल बाद बीते रविवार को फतेहपुर सीकरी जाने का मौका मिला. आगरा में तैनाती के वक्त लगभग हर महिने वहां जाना हो जाता था. न जाने क्यों मुझे यह जगह आगरा से ज्यादा अच्छी लगती है. विश्वदाय स्मारक और प्रख्यात सूफी संत हजरत शेख सलीम चिश्ती की दरगाह के हर कोने में अध्यात्मिक सुकून मिलता है. महल से लगा भारतीय पुरातत्व विभाग का गेस्ट हॉउस मेरी पसंसदीदा जगह रहा है. वहां अक्सर कुछ देर रुकना और स्थानीय लोगों से वहीं मुलाकात करना हर बार मेरी यात्रा का एक हिस्सा रहा है.
    इस बार वहां दैनिक जागरण के वरिष्ठ पत्रकार श्री राजेन्द्र शुक्ला और उनके पुत्र नीरज से भेंट हुई. नीरज राष्ट्रीय सहारा में संवाददाता के तौर पर वर्षों से कार्य कर रहे हैं. शुक्ला जी ने शिकायती लहजे में कहा कि आप यहां आते रहे हैं पर कभी मुलाकात का अवसर नहीं दिया. मैंने उनसे अगली बार फिर मुलाकात का वादा कर उनकी शिकायत दूर करने की कोशिश की. उनके पीछे ही नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन और समाजवादी पार्टी (अल्पसंख्यक मोर्चा) के जिलाध्यक्ष बदरुद्दीन कुरैशी साहब अपने समर्थकों के साथ आ गए. लगभग एक घंटा बैठकर पत्रकारिता और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा हुई. इस दौरान आगरा के वरिष्ठ पत्रकार धर्मेन्द्र सिंह और युवा पत्रकार रमीज राजा समेत कई लोग वहां थे. सालों बाद इस तरह सब लोगों से मिलना बहुत अच्छा लगा. खासकर राजेन्द्र शुक्ला जी से यह मुलाकात यादगार बन गई. रविवार की रात ही दिल्ली लौट आया. मौका मिला तो बहुत जल्द फिर से आगरा और फतेहपुर सीकरी जाने का कार्यक्रम बनेगा.


No comments: