अन्ना की दुकान बंद होने के बाद रामलीला मैदान में बाबा रामदेव ने “रामदेवलीला” शुरु की थी। 9 अगस्त से रामलीला
मैदान में डटे बाबा को समझ ही नही आ रहा था कि अब आगे क्या करें। लेकिन केन्द्र
सरकार ने आज बाबा को छेड़कर खुद ही इस मामले को तूल दे दिया। दरअसल केन्द्र सरकार
ने पहले की तरह इस आंदोलन को निपटाने का कार्यक्रम बना लिया है। जिसके चलते बाबा
को समर्थकों के साथ हिरासत में लेकर डीटीसी बस के ज़रिये बवाना में बनाई गयी
अस्थाई जेल में ले जाया जा रहा है। लेकिन भारी भीड़ जुट जाने की वजह से दिल्ली के
कई इलाकों में जाम लग गया है। ऐसा लग रहा है कि दिल्ली में हर तरफ जामलीला हो रही
है। हम सभी भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं। हम भी चाहते हैं कि विदेशों में जमा काला धन
वापस आये। लेकिन इस मसले को लेकर चल रही अन्नालीला या रामदेवलीला की वजह से क्या
कोई हल निकल सकता है। उल्टा इनके ये आन्दोलन दिल्ली के आम लोगों के लिये परेशानी
का सबब बनते जा रहे हैं और केन्द्र सरकार के कान पर जूं तक नही रेंग रही है। सब
आँखें बंद किये बैठे हैं। परेशान हो रहा है तो सिर्फ वो आम आदमी जिसका हवाला देकर
सरकार और समाज के ठेकेदार अपना-अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। हम आम लोगों को इस
बारे में सोचना चाहिये कि क्या सही है और क्या ग़लत? हम कब तक इस्तेमाल होते रहेंगे ????
Monday, August 13, 2012
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