बेपनाह मौहब्बत की निशानी ताजमहल का हुस्न फीका पड़ता जा रहा है। पिछले कई सालों से इतिहासकार और विशेषज्ञ इस बात को लेकर चिन्ता जता रहे हैं कि ताजमहल की सफेद रंगत को प्रदूषण से भारी नुकसान हो रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह वायु प्रदूषण है। भारत सरकार और सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमैटी ने भी इस बात पर चिन्ता ज़ाहिर की है लेकिन भारतीय पुरातत्व सर्वेषण (एएसआई) और आगरा का जिला प्रशासन इस तरफ से आंखे बन्द किये बैठा है। रही बात आगरा विकास प्राधिकरण की तो उनके लिये ताजमहल सिर्फ सोने के अण्डे देने वाली मुर्गी है। प्राधिकरण को पथकर के नाम पर होने वाली कमाई से मतलब है ताज के संरक्षण से नही।
गौरतलब है कि विशेषज्ञों ने सुप्रीम कोर्ट को दी गयी अपनी विस्तृत रिर्पोट में इस बात का खुलासा बहुत पहले ही कर दिया था। जिसको गम्भीरता से लेते हुये उच्चतम न्यायलय ने आगरा प्रशासन और एएसआई को सख्त कदम उठाने के आदेश दिये थे। लेकिन कुछ समय बाद ही वो आदेश हवा हो गये। इनमे सबसे महत्वपूर्ण आदेश था आगरा को निर्बाध बिजली आपूर्ति। क्योंकि बिजली कटौती की दशा मे ताजमहल के आस-पास सैंकड़ो जेनरेटर चलते हैं और उनसे निकलने वाला काला धुंआ इसके लिये सबसे बड़ा नासूर है। इस आदेश का पालन तो उत्तर प्रदेश सरकार कभी नही कर पायी लेकिन हर साल सुप्रीम कोर्ट में आगरा को बिजली कटौती से मुक्त रखकर चौबीस घण्टे आपूर्ति किये जाने का झूठा हलफनामा ज़रुर दिया जाता रहा है। कितनी चौंकाने वाली बात है कि समय-समय पर सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमैटी के सदस्य आगरा आते हैं और हमेशा उनके सामने इस समस्या को भी उठाया जाता रहा है। लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात।
प्रदेश के उर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय ने अपनी पत्नी को फतेहपुर सीकरी से लोकसभा चुनाव लड़वाने के लिये एक साल पहले ही आगरा मे अपना आवास बना लिया था। उनका एक पांव लखनऊ तो दूसरा पांव आगरा मे है लेकिन उन्हे भी ताजमहल की सुध नही। ताजमहल की वजह से देश और प्रदेश की सरकार को करोड़ो रुपये की आमदनी होती है। हजारों परिवार ताजमहल की बदौलत अपना रोज़गार चला रहे हैं। इन सबके के लिये ताज केवल कमाई का ज़रिया बनकर रह गया है। बात ये है कि जब सरकार और प्रशासन को ही इस बात की फिक्र नही तो आम आदमी का इस बात से क्या सरोकार।
लेकिन अब सवाल उठता है कि अगर ताजमहल और उसकी खूबसूरती ही सुरक्षित नही रहेगी तो सरकार को करोड़ो रुपये की आमदनी और हज़ारों परिवारों के चुल्हे कैसे जलेगें। पर्यटकों की आमद पर भी इस बात खासा असर पड़ सकता है। ये गम्भीर समस्या आज नही तो कल सुप्रीम कोर्ट के सामने आ ही जायेगी तब भी सरकार कोई नया बहाना बनाकर अपनी जान छुड़ा लेगी लेकिन ताजमहल को जो नुकसान हो रहा है उसकी भरपाई शायद ही सरकार या कोई विभाग कर पायेगा। और हो सकता है एक दिन ऐसा भी आये जब ताज की सफेद खूबसूरती केवल इतिहास के पन्नों और कहानियों मे कुछ शब्द बनकर रह जाये।
Thursday, June 11, 2009
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1 comment:
its true. This real fact about Taj Mahal.Coze there are no limits for power cuts in Agra so thats why Taj Mahal going to fade........ Now
Congrates Sir for this Artical.
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