खतरें में पत्रकार....।
देशभर में पत्रकारों पर हो
रहे जानलेवा हमले चिन्ताजनक है। हालात ये है कि फील्ड रिर्पोटिंग हो या हिंसक
घटनाओं की कवरेज सभी जगह पत्रकार बिल्कुल सुरक्षित नही है। मुज़फ्फरनगर जिले में पिछले एक सप्ताह से चल रही हिंसा में दो पत्रकारों की दर्दनाक मौत हो गयी। आईबीएन-7 के पत्रकार राजेश
वर्मा की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी गई तो एक फोटो पत्रकार इसरार अहमद की भी मौत हो गई। इन दोनों पत्रकारों की मौत से प्रदेशभर के पत्रकारों में शोक की लहर है। हम
सभी पत्रकार इनकी आत्मिक शांति के लिये प्रार्थना करते हैं। हम केन्द्र और सभी राज्य
सरकारों से पुरज़ोर मांग करते हैं कि आये दिन पत्रकारों पर हो रहे जानलेवा हमलों
पर रोक लगाये और पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठायें ताकि हम अपना कार्य
निड़रता और निष्पक्षता के साथ कर सकें।
असामायिक मृत्यु का शिकार हुये पत्रकार राजेश वर्मा को मैं दस साल
पहले मुज़फ्फरनगर में मिला था। उन दिनों में सहारा समय- उत्तर प्रदेश के लिये काम
कर रहा था। जब भी वहां कवरेज के लिये जाना होता था तो राजेश से मुलाकात हो जाती थी।
वो बहुत हंसमुख होने के साथ-साथ एक अच्छे वीडियो जर्नालिस्ट भी थे। उनकी दुखदायी मुत्यु
की सूचना से मैं आहत हूँ। प्रिय राजेश, तुम हमेशा याद आओगे।